Jhoot Mat Bolo

SKU: JMTBL

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Details

मशहूर कहावत है, "एक झूठ को अगर सौ बार बोला जाए तो वह सच बन जाता है.' लेकिन ये बात सच नहीं है क्योंकि झूठ, सच का उलट (विलोम) है और वैसे भी जिस चीज़ या'नी झूठ की बुनियाद सच के विरोध पर टिकी हुई हो, वो बार-बार दोहराने पर सच कैसे बन सकता है?
            इस्लाम झूठ को बड़ा गुनाह (महापाप) करार देता है. इसकी लत पड़ जाने के बाद एक इंसान हक को हक समझने का शऊर खो देता है. अल्लाह तआला ने कुर्आन करीम में मोमिनों को हुक्म दिया कि वे झूठी बात न कहें. अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने इर्शाद फर्माया, "झूठ बोलना मुनाफिक की निशानी है.' आप (ﷺ) ने उस मोमिन के लिये जन्नत में घर की ज़मानत ली जो मज़ाक में भी झूठ बोलना छोड़ दे.
            यह किताब सलीम रऊफ की लेखनी का नायाब नमूना है. वे हल्के-फुल्के अंदाज़ में गहरी नसीहत की बात कहने में माहिर हैं. हिन्दी अनुवाद करते वक्त किताब को और ज्यादा मुफीद (उपयोगी) बनाने के लिये कुछ ज़रूरी बदलाव कियेे गये हैं.

Specifications

Pages 24
Size 10.5x18.5cm
Weight 25g
Status Ready Available
Edition Ist Edition
Printing Single Colour
Paper Maplitho
Binding Paper Back