Muslim Aurat Ki Deeni Zimmedariyan

SKU: MAKDZ

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Details

प्रस्तुत किताब "मुस्लिम औरत की दीनी ज़िम्मेदारियां' एक बहुत ही गम्भीर विषय पर लिखी गई है. इस्लाम के बुनियादी अर्कान या'नी ईमान, नमाज़, रोज़ा, ज़कात व हज्ज, मुस्लिम औरत पर उसी तरह फर्ज़ हैं जिस तरह मुस्लिम मर्दों पर फर्ज़ हैं. बस फर्क इतना है कि जहां मर्दों के लिये नमाज़ मस्जिद में पढ़ना अफज़ल (श्रेष्ट) है वहीं औरतों के लिये घर में पढ़ना अफज़ल है. मर्द अकेले सफरे-हज्ज पर जा सकता है लेकिन औरत बिना महरम मर्द के हज्ज नहीं कर सकती. इस्लाम के दूसरे फरीज़े या'नी दा'वत व तब्लीग में मुस्लिम मर्द व औरत की ज़िम्मेदारियों में फर्क थोड़ा-सा बढ़ जाता है लेकिन तीसरे फरीज़े या'नी "इकामते-दीन' में यह फर्क बहुत ज्यादा हो जाता है. यह किताब इन तीनों फरीज़ों (कर्तव्यों) के बारे में ठोस, तर्कसंगत व प्रामाणिक जानकारी मुहैया कराती है. यह किताब सभी के लिये समान रूप से उपयोगी है.

Specifications

Pages 32
Size 10.5x18.5cm
Weight 30g
Status Ready Available
Edition Ist Edition
Printing Single Colour
Paper Maplitho
Binding Paper Back