Details
नमाज़ इस्लाम का बुनियादी रुक्न है. कयामत के दिन सबसे पहले इसी का हिसाब लिया जाएगा. ईमान और कुफ्र के बीच फर्क करने वाली चीज़ नमाज़ ही है. नमाज़ के फर्ज़ होने का इन्कार करने वाला शख्स काफिर है. नमाज़ की अदायगी में टालमटोल करना फिस्क (नाफर्मानी) है. नमाज़ की फज़ीलत व अहमियत इतनी ज़्यादा है कि थोड़े-से लफ्ज़ों में इसे बयान नहीं किया जा सकता.
खुशनसीब हैं वे लोग, जो पाबंदी के साथ नमाज़ अदा करते हैं. यह किताब, कुर्आन व सुन्नत की रोशनी में नमाज़ पढ़ने वाले लोगों के लिये 25 बशारतों (शुभ-सूचनाओं) की जानकारी मुहैया कराती है. अल्लाह से दुआ है कि इस किताब को पढ़ने के बाद लोगों के दिलों में नमाज़ के प्रति शौक में बढ़ोतरी हो.
Specifications
Pages |
24 |
Size |
10.5x18.5cm |
Weight |
25g |
Status |
Ready Available |
Edition |
Ist Edition |
Printing |
Single Colour |
Paper |
Maplitho |
Binding |
Paper Back |