Zakat Ek Aham Deeni Fariza

SKU: ZEADF

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Details

ज़कात इस्लामी निज़ामे-मुआशरत (अर्थव्यवस्था) का एक आधार है. यह ग़रीब और अमीर के बीच का संतुलन बनाने के लिए बनाया गया इलाही कानून है. हर अमीर के पास जो माल है वो अल्लाह का है. ज़मीन से उगाकर या कारखाना-फैक्ट्री लगाकर हमने जो कुछ हासिल किया है वो सब अल्लाह का है क्योंकि ज़मीन अल्लाह ने बनाई है और आसमान से पानी अल्लाह बरसाता है. हवाएं अल्लाह के हुक्म से चलती है और सूरज भी उसी के हुक्म से गर्मी पहुँचाने का का काम करता है. अल्लाह ने मालदारों को जो भी दौलत अता की है वो उनके पास अल्लाह की अमानत है. अल्लाह के माल को अल्लाह के हुक्म के मुताबिक खर्च करना हर बन्दे कि ज़िम्मेदारी है. जो इस ज़िम्मेदारी से इंकार करता है, वो अल्लाह के आगे सरकशी करता है और उसका यह काम कुफ्र के दर्जे में है. ज़कात के निज़ाम में बहुत सारी खूबियां छुपी हैं. यह किताब ज़कात के विषय पर ठोस व मुद्ल्लल (तथ्यात्मक) जानकारिया मुहैया कराती है.

Specifications

Pages 72
Size 10.5x18.5cm
Weight 60g
Status Ready Available
Edition Ist Edition
Printing Single Colour
Paper Maplitho
Binding Paper Back