Details
अल्लाह सुब्हानहु तआला ने हमारी ज़िन्दगी को दो हिस्सों में बाँट दिया है. हमारी ज़िन्दगी का थोड़ा-सा हिस्सा मौजूदा दुनिया में है और बाकी तमाम हिस्सा, जो कभी खत्म होने वाला नहीं, वो मौत के बाद आने वाली दुनिया है. इस दुनिया को अल्लाह तआला ने अमल करने की जगह बनाया है और वो दुनिया आ'माल का बदला पाने की जगह है. जो इन्सान मौजूदा दुनिया की रंगीनियों में गुम हो जाएगा वो अपनी आखिरत को खो देगा. ऐसा इन्सान आखिरत के दिन जन्नत की हमेशा रहने वाली ने'मतों को देखकर बहुत पछताएगा और अफसोस करेगा कि मैंने दुनिया के ऐश व आराम को पाने के चक्कर में ने'मतों भरी जन्नत को गंवा दिया.जन्नत! अनगिनत ने'मतों भरी दुनिया!! हमेशा रहने वाली राहतों और खुशियों की दुनिया!!! अल्लाह की पसंदीदा जगह, जो उसने अपने नेक बन्दों (ईमान वालों) के लिये तैयार कर रखी है. जहाँ उन्हें न कोई दुःख होगा और न कोई तकलीफ होगी. वे जो चाहेंगे, उन्हें मिलेगा.ने'मतों भरी जन्नत को हासिल कैसे किया जाए? यह किताब इसके लिये मुकम्मल रहनुमाई (मार्गदर्शन) करती है.
Specifications
| Pages |
32 |
| Size |
14x22cm |
| Weight |
45g |
| Status |
Ready Available |
| Edition |
Ist Edition |
| Printing |
Double Colour |
| Paper |
Maplitho |
| Binding |
Paper Back |