Maidan-e-Mehsar mein izzat wa zillat pane wale log

SKU: MDNMH

₹ 25 ₹ 35

Details

दुनिया में जितनी भी मखलूक (स्रष्टि) बसी हुई है, उन सबकी अल्लाह तआला ने एक मुद्दत तय कर रखी है, जिसके पूरा हो जाने के बाद उनकी मौत वाकेअ हो जाती है और वो इस फानी दुनिया से चले जाते हैं.
ये दुनिया -जिसमें हम रहते हैं- इसकी मुद्दत भी एक दिन खत्म हो जाएगी. फिर कयामत कायम होगी और इसमें रहने वाली हर शै को मौत आ जाएगी. बाकी रहेगा तो सिर्फ अल्लाह रब्बुल आलमीन का वजूद. उसके बाद अल्लाह फिर से तमाम मख्लूक को ज़िंदा करेगा और उनके उन आ'माल का हिसाब लेगा, जो उन्होंने दुनिया में रहते हुए किये थे.
यह किताब सबसे पहले उस हौलनाक दिन के बारे में बताती है फिर उसके बाद यह जानकारी देती है कि उस दिन अल्लाह तआला, किन-किन लोगों को इज्ज़त देगा और कौन-कौनसे लोग ज़लील (अपमानित) होंगे?

Specifications

Pages 36
Size 10.5x18.5cm
Weight 35g
Status Ready Available
Edition Ist Edition
Printing Single Colour
Paper Maplitho
Binding Paper Back